Category: dr.alok mandarshan research report


पैरानोइया रोग है घटना का कारण : डॉ.आलोक मनदर्शन

पैरानोइया रोग है घटना का कारण : डॉ.आलोक मनदर्शन

‘क्लेप्टोलोहानिया’ : लिंडसे लोहान अनचाही चोरी करने की विवशता | ‘मनदर्शनलीक्स’

‘क्लेप्टोलोहानिया’ :’क्लेप्टोमैनिया’ मनोरोगी लिंडसे लोहान का नया नामकरण ‘मन गुरु डा. आलोक मनदर्शन’

‘क्लेप्टोलोहानिया’ :’क्लेप्टोमैनिया’ मनोरोगी लिंडसे लोहान का नया नामकरण ‘मन गुरु डा. आलोक मनदर्शन’

‘क्लेप्टोलोहानिया’ : लिंडसे लोहान अनचाही चोरी करने की विवशता | ‘मनदर्शनलीक्स’

मनदर्शन-मिशन के मनोखोजी लेंस ‘मनदर्शनलीक्स’ ने फिर एक छुपे रुस्तम व अनछुए मनोविकृति का खुलासा जनहित में कर दिया है | क्या आप सोच सकते है की‘विश्व प्रसिद्ध हालीवुड सुपरस्टार लिंडसे लोहान’ एक ज्वेलरी शोरूम स्टोर से भारी-भरकम खरीदारी का बिल अदा करके घर वापस जाती है और दूसरे ही दिन पुलिस उनके घर पहुँच जाती है और उसे उस स्टरे से एक मामूली सामान चोरी करने के जुर्म में पकड़कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करती है | साक्ष्य के रूप में स्टोर में लगे कैमरे में रिकॉर्ड उसके द्वारा उस सामान को चुराने का दृश्य भी दिखाया जाता है |

न्यायाधीश यह देख कर बड़ी असमंजस व दुविधा की मन:स्थिति में पड़ जाता है कि इस भरी-भरकम बिल चुकाने वाली अति धनाढ्य व ग्लैमरस हालीवुड सुपर स्टार ने एक तुक्ष सामान की चोरी क्यों की होगी, शायद भूलवश अनजाने में उससे ऐसा हो गया होगा | परन्तु जब उस हालीवुड सुपर स्टार ने न्यायाधीश को यह बताया कि वह जहा कहीं भी जाती है उसके मन में कुछ न कुछ चुरा लेने की मनोविवषता इतनी हावी हो जाती है कि वह इस कृत्य को कर ही डालती है, भले ही वह चीज बिलकुल तुच्क्ष व अर्थहीन ही क्यों न हो | ऐसा कर लेने के बाद ही उसके मन की व्यग्रता शांत होती है | यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं बल्कि एक सच्ची घटना है |

मानव समाज में मन की खूबसूरती का अविर्भाव कर स्वस्थ व सुन्दर विश्व समाज की स्थापना के मिशन के तहत‘मनदर्शन-मिशन’ की मनोशोध उद्गम मनदर्शन मनोविश्लेश्कीय फाउन्डेशन की रिपोर्ट के अनुसार इस हालीवुड सुपर स्टार को ‘क्लेप्टोमैनिया’ मनोरोग से ग्रसित होना बताया गया है |

‘मनदर्शनलीक्स’ के अन्वेषक मन-गुरु डॉ.आलोक मनदर्शन के अनुसार इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के मन में कुछ भी चुराने की मनोविवषता एक मादक खिचाव के रूप में बनी रहती है और जब तक वह इस कृत्य को कर न ले उसे जबरदस्त मानसिक-बेचैनी झेलनी पड़ती है | इस कृत्य के कर लेने मात्र से ही उसे सुकून मिलता है, भले ही वह चोरी की वस्तु को कुछ ही समय पश्चात कूड़े के समान फेंक दे | इतना ही नहीं, नई जगह पहुँचते ही उसका मन फिर कुछ न कुछ चुराने के लिए व्यग्र हो जाता है और इस प्रकार न चाहते हुए भी यह मनोरोग उसे इस कृत्य को बार-बार करने को विवश कर देता है |

यह मनोरोग ओ.सी.डी. स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर के अंतर्गत आता है | ऐसा मनोरोगी आगे चल कर अपनी मनोविवषता के कारण घोर अवसाद व कुंठा की मनोस्थिति में पहुँच जाता है | भारत की पहली टेलीफोनिक साइकोथिरैपी सेवा 09453152200 से इस मनोस्थिति में पहुंचे हुए लोगों ने अपने को इस लत से ग्रसित होने की स्वीकारोक्ति भी की है | निजाम हैदराबाद के भी इस मनोरोग से ग्रसित होने के अभिलेखीय साक्ष्य मौजूद है, परन्तु वह भी अपनी इस लत की ‘क्लेप्टोमैनिया’ मनोरुग्णता रूप से अनभिज्ञ थे | विश्व की प्रथम खूबसूरत मन प्रतियोगिता के जनक मन-गुरु डॉ.आलोक मनदर्शन ने ‘लिंडसे लोहान’ की ‘क्लेप्टोमैनिया’ (अनचाही चोरी करने की विवशता) को ‘क्लेप्टोलोहानिया’ नाम दिया है |

बचाव :

इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को इस बात के लिए जागरूक किया जाय कि वह ‘क्लेप्टोमैनिया’मनोरोग से ग्रसित है जिससे वह अभी तक अनभिज्ञ रहा है | उसकी अंतर्दृष्टि का विकास इस प्रकार किया जाय कि वह अपनी चोरी करने की मनोविवषता को अपनी बीमारी के लक्षण के रूप में सक्रिय रूप से पहचान कर मनोविवषता से उत्पन्न बेचैनी व उलझन को बर्दास्त कर सके | साथ ही परिजनों को उसे भावनात्मक सहयोग एवं प्रोत्साहन के साथ उसके मनोउपचार में उसका सहयोग करना चाहिए |

'BABA-PHILIA' : DELUSIONARY DEVOTIONAL MENTAL-MODALITY | COINED BY 'MIND-MAESTRO'

'SAI-PHILIA' : 'BABA-PHILIA' at its CLIMAX | 'MANDARSHANLEAKS'

'SAI-PHILIA' : 'BABA-PHILIA' at its CLIMAX | 'MANDARSHANLEAKS'

'BABA-PHILIA' : DELUSIONARY DEVOTIONAL MENTAL-MODALITY | COINED BY 'MIND-MAESTRO'

‘BABA-PHILIA’ : DELUSIONARY DEVOTIONAL MENTAL-MODALITY | COINED BY ‘MIND-MAESTRO’

‘SAI-PHILIA’ : ‘BABA-PHILIA’ at its CLIMAX | ‘MANDARSHANLEAKS’

These days the ‘BABADOM’ is overpowering the peoples mind around the world towards a DELUSIONARY DEVOTIONAL MENTAL-MODALITY. People are irresistibly being psychically attracted and obsessed to the so called BABA, SWAMI or by other names for the stake of religion, spirituality, mental peace and the lucration of fulfilling their unmet wishes and desires. there by they are being gripped in a sort of self-hypnotized ‘PSYCHIC-ENSLAVEMENT’ recognizing the ‘PSEUDO-MIRACULOUS TRICKS’ of the ‘BABA’ as possessor of super-natural or divine-powers.

‘MANDARSHANLEAKS’, INDIA’S FIRST MIND SCANNING LENS, has revealed the psychodynamics of ‘BABA-PHILIA’. The innovator of ‘MANDARSHANLEAKS’ MIND-MAESTRO (MANN-GURU) Dr. ALOK MANDARSHAN has stated that ‘BABA-PHILIA’ is nothing but a gimmick played by the ‘BABA’ with the mental-modality of ordinary human beings. These mental-modalities are DEPRESSION,MANIA, OBSESSIVE COMPULSIVE DISORDER (O.C.D.), SCHIZOPHRENIA AND MENTAL-STRESS. The ‘BABA-PHILIC PEOPLE’ cannot self recognize their psycho-pathologies that leads them towards the mental state of ‘DELUSIONAL-DEVOTION’ (BABA-PHILIA).

‘SOUTH-ASIA’S FIRST TELEPHONIC PSYCHOTHERAPY SERVICE +919453152200’ has encountered many ‘BABA-PHILIC’s and made them realised of their psycho-pathogenic obsession and attraction and have developed healthy insight within their mind so that they could become THE MASTER OF THEIR OWN MIND; instead of recognizing some ordinary human beings as ‘GOD’.

MANDARSHAN-MISSION, a global mission for healthy and beautiful-mind, is vigorously and relentlessly trying to enthuse psycho-educational and psychotherapeutic tools and technique to the world populace.

‘MIND-MAESTRO’ has termed the recent ‘MASS DELUSIONARY DEVOTION’ seen after the demise of ‘SATHYA SAI BABA’ as ‘SAI-PHILIA’ and moreover, described this phenomenon as ‘BABA-PHILIA’ at its CLIMAX.

‘साईं-फिलिया’ : ‘बाबा-फिलिया’ की पराकाष्ठा | ‘मनदर्शनलीक्स’

‘बाबा-फिलिया’ : बाबाओं से विभ्रमित वशीभूत होने की मनोवृत्ति | ‘मनगुरु डॉ. मनदर्शन’

‘साईं-फिलिया’ : ‘बाबा-फिलिया’ की पराकाष्ठा | ‘मनदर्शनलीक्स’

‘बाबा-फिलिया’ : बाबाओं से विभ्रमित वशीभूत होने की मनोवृत्ति | ‘मनगुरु डॉ. मनदर्शन’

‘बाबा-फिलिया’ : बाबाओं से विभ्रमित वशीभूत होने की मनोवृत्ति | ‘मनगुरु डॉ. मनदर्शन’

‘साईं-फिलिया’ : ‘बाबा-फिलिया’ की पराकाष्ठा | ‘मनदर्शनलीक्स’

इन दिनों तेजी से बढ़ता हुआ बाबा बाज़ार लोंगो की एक प्रकार की विभ्रमित मानसिक मनोवृत्ति ‘बाबा-फिलिया’ ( बाबा से व्याधि-मोह ) का उदाहरण है |धर्म, अध्यात्म, मानसिक शांति, भक्ति व मनोकामना पूर्ति के नाम पर न केवल देशी बल्कि विदेशी भी इन स्वामियों व बाबाओं आदि से तेजी से आसक्त व वशीभूत हो रहे है, और वे उनकी उँगलियों की कठपुतली बन अपने स्वविवेक को दर किनार कर उनकेछद्म चमत्कारिक कारनामों से उनको अलौकिक व दैवीय रूप में मान्यता प्रदान कर रहे है |

मनदर्शन मिशन के मनोखोजी लेंस ‘मनदर्शनलीक्स’ ने आस्था व अंधविश्वास के सूक्ष्म-भेद का जनहित में खुलासा कर दिया है |

मनुष्य की मानसिक प्रक्रियाओं से खेले जाने वाले इस खेल में ये बाबा व स्वामी कुछ भी अदभुत या चमत्कारिक नहीं करते, बल्कि मनुष्य का मन ही अवसाद(डिप्रेसन), उन्माद(मैनिया), मनोबाध्यता विकार(ओ.सी.डी.) या मनोविदलता (स्किजोफ्रीनिया) या तनाव(स्ट्रेस) की स्थिति में बाबा रूपी इस आम इन्सान से इस प्रकार आसक्त व वशीभूत हो जाता है कि वह उसकी मानसिक गुलामी करने लगता है | रही-सही कसर पूरी कर देता है मीडिया द्वारा इन बाबाओं का ग्लैमराइजेसन |

दूसरा पहलू यह है कि मनुष्य के मन में एक सामूहिक-अचेतन(कलेक्टिव-अनकोन्सिअस) क्रियाशील होता है जिससे कि लोग जनता की भीड़ को देख कर स्वयं भी उस भीड़ का हिस्सा होने के लिए उतावले हो जाते है |

मनदर्शन मिशन द्वारा जारी इस शोध-रिपोर्ट के अनुसार इस समय अनुमानत: 60000 करोड़ का बाबाओं का बाजार सक्रिय है, हालांकि इसका बहुत बड़ा हिस्सा अभी भी छिपा हुआ है | भारत की पहली टेलीफोनिक साइकोथिरैपी सेवा मनदर्शन हेल्पलाइन 09453152200 द्वारा ऐसे तमाम ‘बाबा-आसक्त’ लोंगो में उनकीमूल बीमारी अवसाद(डिप्रेसन), उन्माद(मैनिया), मनोबाध्यता विकार(ओ.सी.डी.) या मनोविदलता (स्किजोफ्रीनिया) या तनाव(स्ट्रेस) आदि का होना पाया गया है |

हाल ही में हुई इच्छाधारी बाबा कांड, स्वामी नित्यानन्द कांड तथा कृपालु महराज आश्रम दुर्घटना इसी ‘बाबा फिलिया’ नामक मानसिक रुग्णता का उदाहरण है | ‘मनदर्शनलीक्स’ अन्वेषक मनगुरु डॉ. आलोक मनदर्शन के अनुसार मनुष्य की मानसिक प्रक्रियाओं से खेले जाने वाले इस खेल की चपेट में पढ़े-लिखे, अनपढ़, अमीर, गरीब महिला एवं पुरुष सभी आते है | ऐसे तमाम ‘बाबा-आसक्त’ व्यक्ति बहुत आसानी से जादू-टोना, तंत्र-मंत्र, दुआ-ताबीज, व अन्य धार्मिक कर्मकांड के अन्धविश्वास में फँस कर शोषित होते रहते है |

मन-गुरु डॉ. मनदर्शन ने इस प्रकार बाबाओं से आसक्त व वशीभूत होने की मन:स्थिति को ‘बाबा फिलिया’ नामक मनोवृत्ति के रूप में परिभाषित किया है | इसके मद्देनजर मनदर्शन-मिशन मनुष्य को उसके मन की गूढ़ प्रक्रियाओं से अवगत कराने में जुटा है जिससे कि मनुष्य अपने मन का स्वामी स्वयं बन सके और उसे किसी स्वामी व बाबा के हाथों शोषित न होना पड़े | इस मनोवृत्ति की पराकाष्ठा ‘सत्य साईं बाबा’ की घटना में देखने को मिली |

‘KLEPTOLOHANIA’ : ‘KLEPTOMANIA’ of LINDSAY LOHAN acronymed by the MIND-MAESTRO(MANN-GURU)

‘KLEPTOLOHANIA’ : LINDSAY LOHAN’s audacious hedonic addiction of stealing or theft |‘MANDARSHANLEAKS’

‘KLEPTOLOHANIA’ : LINDSAY LOHAN’s audacious hedonic addiction of stealing or theft |‘MANDARSHANLEAKS’

‘KLEPTOLOHANIA’ : ‘KLEPTOMANIA’ of LINDSAY LOHAN acronymed by the MIND-MAESTRO(MANN-GURU)

‘KLEPTOLOHANIA’ : ‘KLEPTOMANIA’ of LINDSAY LOHAN acronymed by the MIND-MAESTRO(MANN-GURU)

‘KLEPTOLOHANIA’ : LINDSAY LOHAN’s audacious hedonic addiction of stealing or theft |‘MANDARSHANLEAKS’

You might be wondering as to why the HOLLYWOOD SUPERACTRESS ‘LINDSAY LOHAN’ keeps on committing the act of stealing and theft inspite of being enormously rich and glamorous. She has been repeatedly caught for this act of clandestinely stealing of petty things from various departmental stores. This phenomenon is much to the surprise and understandability to the common man world wide.

To quench the curiosity of the public at large, INDIA’S FIRST MIND-SCANNING LENS ‘MANDARSHANLEAKS’ has revealed the psychodynamic of this phenomenon. The innovator of ‘MANDARSHANLEAKS’ MIND-MAESTRO(MANN-GURU) Dr. ALOK MANDARSHAN has revealed that ‘LINDSAY LOHAN’ is a victim of ‘KLEPTOMANIA’ psychopathology; in which the victim feels compelled to steal something from somewere, irrespective of how petty the stolen object may be.

After having done so, a ‘KLEPTOMANIAC’ feels temporary relief and comfort, but only to repeat the same act next time. Thus, the vicious cycle of ‘KLEPTOMANIA’ fully over-powers the mind of the victim and ultimately the victim falls prey to an AUDACIOUS HEDONIC ADDICTION OF STEALING OR THEFT.

Through this revelation of ‘LINDSAY LOHAN’ acts, it is highly probable that she might have been doing this sort of act for quite some time, but might be ignorant that she has become a victim of a mental disorder ‘KLEPTOMANIA’ that makes her do the compulsive act repeatedly.

Moreover, LINDSAY LOHAN’s audacious hedonic addiction of stealing or theft has been acronymed by THE MIND-MAESTRO (MANN-GURU) as ‘KLEPTOLOHANIA’. With this revelation, MANDARSHAN-MISSION, a global mission for healthy and beautiful-mind, has set yet another milestone; after having started ‘SOUTH-ASIA’S FIRST TELEPHONIC PSYCHOTHERAPY SERVICE +919453152200’ and inducing ‘WORLD’S MAIDEN BEAUTIFUL-MIND(KHOOBSURAT-MANN) CONTEST’.

'हैरोल्डेल्यूजन' : मन-गुरु डॉ.मनदर्शन द्वारा 'हैरोल्ड कैंपिंग विभ्रम-भविष्यवाणी' का 'संक्षिप्त-नामकरण'

'हैरोल्डेल्यूजन' : 'विश्वमहाविनाश' की हैरोल्ड कैंपिंग 'विभ्रम-भविष्यवाणी' | 'मनदर्शनलीक्स'

'हैरोल्डेल्यूजन' : 'विश्वमहाविनाश' की हैरोल्ड कैंपिंग 'विभ्रम-भविष्यवाणी' | 'मनदर्शनलीक्स'

'हैरोल्डेल्यूजन' : मन-गुरु डॉ.मनदर्शन द्वारा 'हैरोल्ड कैंपिंग विभ्रम-भविष्यवाणी' का 'संक्षिप्त-नामकरण'

‘हैरोल्डेल्यूजन’ : मन-गुरु डॉ.मनदर्शन द्वारा ‘हैरोल्ड कैंपिंग विभ्रम-भविष्यवाणी’ का ‘संक्षिप्त-नामकरण’

‘हैरोल्डेल्यूजन’ : ‘विश्वमहाविनाश’ की हैरोल्ड कैंपिंग ‘विभ्रम-भविष्यवाणी’ | ‘मनदर्शनलीक्स’

21 मई 2011 , को ‘विश्वमहाविनाश’ होने की हैरोल्ड कैंपिंग द्वारा की गयी भविष्यवाणी से बिलकुल भी चिंतित होने की जरुरत नहीं है | अति प्रचारित व डरावनी, अमेरिकन धर्म-गुरु हैरोल्ड कैंपिंग की समूची दुनिया के महाप्रलय से 21 मई 2011 को महाविनाश होने की भविष्यवाणी से समूची दुनिया भयाक्रांत व कौतुहल भरी उत्सुकता जैसी मनोदशा से गुजर रही है; क्योंकि 70 साल से पवित्र ग्रन्थ ‘बाइबिल’ का अध्ययन कर रहे अमेरिकन धर्म-गुरु हैरोल्ड कैंपिंग ने दावा किया है कि इस दिन विश्वमहाविनाश ( द इंड ऑफ़ वर्ल्ड ) होना निश्चित है और इस विशेष दिन को उन्होंने ‘फैसले का दिन’ ( द डे ऑफ़ जजमेंट ) कहा है |

यह पहला मौका नहीं है, जब उनके द्वारा ऐसी विभ्रमित-भविष्यवाणी की गयी है | इससे पहले, उन्होंने 1992 में लगभग ऐसी ही स्वयंभू-भविष्यवाणी की थी जिसमें उन्होंने यह दावा किया था कि 6 सितम्बर 1994 को ऐसा होगा | यद्यपि इस दिन तो ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, परन्तु समूचा विश्व इस दिन के आने तक भयाशंकित व व्यग्रता की मन:स्थिति को झेलने के लिये मजबूर हुआ | इस बार फिर उनके द्वारा अपने स्वयंभू ‘बाइबिल’ आधारित गणना के आधार पर ऐसी भविष्यवाणी किये जाने से उन्होंने विश्व समुदाय को एक बार फिर चिंतित व सशंकित कर दिया है |

भारत का पहला मनोखोजी लेंस ‘मनदर्शनलीक्स’ ने हैरोल्ड कैंपिंग की भविष्यवाणी की इस पुनरावृत्ति का खुलासा ‘विभ्रमित-भविष्यवाणी’ के रूप में कर दिया है, जिससे कि समूचे विश्व को बिलकुल भी चिंतित या परेशान होने की जरूरत नहीं है | ‘मनदर्शनलीक्स’ के इस खुलासे से पूरे विश्व समुदाय को बड़ी राहत व सांत्वना मिली है |

न केवल इतना ही, ‘हैरोल्ड कैंपिंग द्वारा की गई इस भविष्यवाणी’ को ‘मनदर्शनलीक्स’ के अन्वेषक मन-गुरु डॉ.आलोक मनदर्शन ने ‘हैरोल्डेल्यूजन’ नाम से परिभाषित किया है | स्वस्थ व सुन्दर मन के वैश्विक मिशन के प्रति समर्पित ‘मनदर्शन-मिशन’ द्वारा शुरू की गयी ‘दक्षिण एशिया की पहली टेलीफोनिक साइकोथिरैपी सेवा +919453152200 ‘ तथा ‘विश्व की पहली खूबसूरत-मन प्रतियोगिता’ के आगाज के पश्चात्, भारत के पहले मनोखोजी लेंस ‘मनदर्शनलीक्स’ द्वारा किये जाने वाले खुलासे मिशन को ऊँचाइयों के नये आयाम पर पहुंचा रहे है |